Thursday, 5 June 2014

सेंसर बोर्ड ने भी माना कि भ्रष्ट होते हैं साधू-सन्यासी


आज के आधुनिक काल में साधू-सन्यासी का जीवन एक ओर जहाँ मानव समाज के कल्याण व पथ दर्शक के रूप में जाना जाता है वहीं कुछ कथित साधू-सन्यासी अपना उल्लू सीधा करने हेतु अन्धविश्वास का सहारा लेकर मनुष्य को दिग्भ्रमित भी करते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर भोजपुरी फिल्म - सन्यासी बलमा का निर्माण सिन्धुजा चलचित्र के बैनर तले किया गया है। यह फिल्म समाज को आईना दिखाते हुए ढोंगी बाबाओं का पोल भी खोलती है।

बात गौरतलब वाली तब हो गई जब फिल्म - *सन्यासी बलमा* को सेंसर बोर्ड में सेंसर सर्टीफिकेट के अप्लाई किया गया। पूरी फिल्म देखने के बाद सेंसर बोर्ड की टीम ने कई दृश्यों पर अपत्ति जताते हुए सर्टीफिकेट देने से मना कर दिया। दो महीने के लम्बे जद्दोजहेद के बाद सेंसर बोर्ड ने यू/ए सर्टीफिकेट देते यह स्वीकार किया कि कुछ साधू-सन्यासी भी भ्रष्ट होते हैं। निर्देशक - अजय झा द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म की कथा -सिन्धुजा मिश्रा ने लिखा है जबकि पटकथा एवं संवाद लिखा है - मनोज टाईगर ने। नवोदित नायक - *जलज कुमार* इस फ़िल्म से अपनी अभिनय पारी की शुरुआत कर रहे हैं। मुख्य भूमिकाओं में  शुभम तिवारी, मोनालिसा, प्रिया शर्मा, मनोज टाईगर, गोपाल राय, अनूप अरोरा, किरन यादव, देव सिंह, अभय राज तथा अवधेश मिश्रा है

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