Thursday, 5 July 2012

मनोज पाण्डेय' (लेखक)  - मेरे लिए मेरा काम ही महत्त्वपूर्ण है, पैसा नह

फिल्म के निर्माण में निर्माता, निर्देशक, नायक, नायिका और खलनायक तथा टेक्नीशियन सहित पूरी टीम के अलावा सबसे अहम भूमिका लेखक की होती है. क्योंकि फिल्म की कथा पटकथा के आधार पर ही सिनेमा का निर्माण किया जाता है, और इन सारी ज़िम्मेदारी का निर्वहन रचनाकार व संवाद लेखक 'मनोज पाण्डेय' बाखूबी निभा रहे हैं. जी हाँ, कई हिंदी फिल्मों के सफल लेखक  'मनोज पाण्डेय' अब भोजपुरी सिनेमा में बतौर 'कथा-पटकथा' व 'संवाद'  लेखक के रूप में सक्रियहो गये हैं. उनका कहना है कि मेरे लिए काम ही महत्वपूर्ण है, रुपया-पैसा नहीं. धन तो जीविका का साधन है, मगर काम से पहचान बनती है. 
 उन्होंने भोजपुरी में सदाबहार सुपर स्टार 'रवि किशन' अभिनीत पहिली फिल्म- 'धमाल कईला राजा' लिखी हैं. उसके बाद 'द रीयल रंगबाज़ ऑफ़ भोजपुरी सिनेमा' के ख़िताब से सम्मानित 'हैदर काज़मी' अभिनीत  बहुचर्चित फिल्म- 'कालिया' के संवाद को उन्होंने लिखा है, जो शीघ्र ही प्रदर्शित होने वाली है. अब तक मनोज पाण्डेय ने 'विराज भट्ट' व  'अंजना सिंह' अभिनीत फिल्म-'मर्द टाँगे वाला',  रोहित सिंह व अंजना सिंह अभिनीत फिल्म- 'लाल दुपट्टा वाली',  अंजनी चतुर्वेदी व कोमल ढिल्लो अभिनीत फिल्म- 'बेनाम बादशाह', हैदर काज़मी व रितिका अभिनीत फिल्म- 'दीवानगी' तथा निर्माता-निर्देशक किरन कान्त की फिल्म- 'घमासान' इत्यादि फिल्मों का लेखन कार्य कर चुके हैं.
 इसके अलावा हिंदी फिल्म- खोटे सिक्के, दुल्हिन, डेंजरस फ्लावर, तेरी मेरी लव स्टोरी, जाना तूने जाना नहीं इत्यादि फिल्मों के भी  कथा-पटकथा एवं संवाद लिख चुके हैं

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