Saturday, 13 December 2014

भोजपुरी फिल्मों के स्वर्णिम दौर की शुरुआत - जान तू जहान तू - यू. के. विभूति

शूटिंग के दिनों से ही चर्चे में आई फ़िल्म जान तू जहान तू के बारे में युवा जनता दल यूनाईटेड बिहार प्रदेश के जनरल सेक्रेट्री एवम् पटना प्रमंडल के प्रवक्ता यू. के. विभूति का कहना है कि अश्लीलता और स्तरहीनता के दलदल में फंसी अपनी क़िस्मत को रो रही भोजपुरी फिल्मों के स्वर्णिम दिनों की शुरुआत हो चुकी है। जान तू जहान तू आज के समाज का आईना है जिसमे एक बिहारी नौजवान के जूनून और जज़्बे को बड़ी ख़ूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है। इसमें परंपरागत भोजपुरी संस्कृति और आधुनिक युवा शैली का सधे हाथों संमिश्रण हुआ है। 
श्री विभूति ने बताया कि राजगीर आये दिन शूटिंग होती रहती है लेकिन जान तू जहान की शूटिंग देख कर ही इसकी भव्यता और भिन्नता दिख जाती थी। तकनीकि रूप से दक्ष यूनिट की मेहनत हमेशा मिसाल क़ायम करती है। खुले बाज़ार में बहुत ही चतुराई से एक्टिंग करते बड़ा जालीदार बा तोहार कुर्ती सरीखे सुपर-डुपर हिट भोजपुरी के क़ामयाब चेहरा दिनेश कुमार को पहचानना मुश्किल था। लेखक-निर्देशक कुंदन कुणाल की एक-एक सोच को अपने चेहरे की भाव-भंगिमा बनाते हुए दिनेश की महीनता ने मुझे सोचने के लिए मज़बूर कर दिया। निर्देशक कुंदन कुणाल से मिल कर फ़िल्म की कहानी का प्लॉट जानकर मुझे भोजपुरी फिल्मो के लिए एक नई उम्मीद दिखी और लगा कि भोजपुरी फिल्मों के स्वर्णिम दौर की शुरुआत हो चुकी है। 

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