
यह अपने अंदाज़ की एक अलग फिल्म है, जो इंसानी रिश्तो, जज़्बातों और आज की ज़िन्दगी का आईना है। दिल को छू लेने वाली कहानी बेहतरीन संगीत। ..हैपनिंग इन मेट्रो सिटी फिल्म की जान है। यह फिल्म आज के युवाओ की ज़िन्दगी की जीती जागती तस्वीर है। यह एक ऐसे नौजवान की कहानी है,जो प्यार की दीवानगी में पढ़ाई छोड़ देता है ,और प्यार को शादी रिश्ते में बदल देता है। परिवार के खिलाफत से वो गांव घर छोड़कर मुंबई आ जाता है। अब उसको और उसकी पत्नी को पता चलता है की मेट्रो सिटी की ज़िन्दगी कैसी होती है ,उसकी मुलाकात एक ४० साल की औरत से होती है, यह मुलाकात उसकी पूरी ज़िन्दगी को बदल देती है। वो उस औरत के प्यार में अपनी पत्नी से दूर -दूर रहने लगता है। यही दूसरी पत्नी को भी किसी ओर के करीब ले जाती है वो भी पति के राह पर चलने लगती है, पर अचानक उस औरत का विवेक जाग जाता है, वो आत्महत्या कर लेती है और अब पति पत्नी को भी एहसास होता है कि जो राह उन्होंने चुनी। वो उनकी संस्कृति और संस्कार की राह नही। दोनों वापस उसी जीवन में आ जाते है, जहां से उन्होंने शुरुआत की थी।
इस फिल्म क निर्माता मुंदराज सिंह नागर, दुर्जन सिंह राठौर और योगराज मलिक हैं। इस फिल्म के मुख्य कलाकार हैं, अमित सिंह , ज़ारा ख़ान, समीर चौधरी, पूजा सिंह, पायल, आशा सिंह, और शुशील बाबा इत्यादि हैं। जे. एम. फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म के डारेक्टर हैं दीपक त्रिपाठी, संगीतकार एम. एस. नागर, डी. ओ. पी. रोहित मान और लेखक मुंदराज सिंह नागर हैं। गीतकार है सागर कुमार,विकास झा , और रीता कुमारी,डांस डारेक्टर महेश आचार्य और एडिटर अनिल गुप्ता शंकर पाण्डेय।
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